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ओडिशा : लगभग 8,500 करोड़ रुपये की लागत से छह-लेन के भुवनेश्वर बाईपास के निर्माण को केंद्र सरकार की हरी झंडी

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने ओडिशा के लिए एक महत्वाकांक्षी बुनियादी परियोजना को मंजूरी दे दी है। हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लगभग 8,500 करोड़ रुपये की लागत से छह-लेन के भुवनेश्वर बाईपास (राजधानी क्षेत्र रिंग रोड) के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। यह लगभग 111 किलोमीटर लंबा राजमार्ग खोरधा, भुवनेश्वर और कटक जैसे प्रमुख शहरी क्षेत्रों में यातायात की भीड़ को काफी कम करेगा।सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस परियोजना को एक नए ग्रीनफील्ड राजमार्ग के रूप में विकसित किया जाएगा, जो प्रवेश-नियंत्रित होगा और इसे मिश्रित व्यवस्था के तहत बनाया जाएगा। इस राजमार्ग के निर्माण पर कुल 8307.74 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसका लक्ष्य इसे ढाई साल के भीतर पूरा करना है।
वर्तमान में, राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामेश्वर से टांगी तक का संपर्क मार्ग खोरधा, भुवनेश्वर और कटक से होकर गुजरता है, जिससे इन शहरों में भारी भीड़भाड़ रहती है। इस नई परियोजना का उद्देश्य इस समस्या का समाधान करना है। यह नया बाईपास भारी वाणिज्यिक वाहनों को शहरी क्षेत्रों से बाहर बाईपास पर निर्देशित करेगा, जिससे माल ढुलाई अधिक कुशल होगी, लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी।यह बाईपास ओडिशा के क्षेत्रीय आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और राज्य के प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्रों के बीच संपर्क को मजबूत करेगा। इसके निर्माण से व्यापार, औद्योगिक विकास और आसपास के क्षेत्रों में समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे।

परियोजना का नाम: ओडिशा राजधानी क्षेत्र रिंग रोड (भुवनेश्वर बाईपास)।
लागत: लगभग ₹8,500 करोड़ (₹8307.74 करोड़)।
लंबाई: लगभग 111 किलोमीटर (110.875 किमी)।
स्वरूप: छह-लेन का ग्रीनफील्ड (नया) और प्रवेश-नियंत्रित राजमार्ग।

उद्देश्य:
खोरधा, भुवनेश्वर और कटक जैसे शहरों में यातायात की भीड़ कम करना।
माल ढुलाई को अधिक कुशल बनाना और लॉजिस्टिक्स की लागत घटाना।
क्षेत्रीय व्यापार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना।
प्रमुख केंद्रों के बीच संपर्क मजबूत करना।
समय-सीमा: ढाई वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य।
अनुमोदन: केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा स्वीकृत।

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